जिनकी संस्कृति में खाने से पहले गाय , कौवों और चीटियों के लिए पहला निवाला निकाल दिया जाता हो , वो क्या आतंकवादी हो सकते हैं?? ओह ! कितना दुखद है. हो सकता इस वैचारिक क्रान्ति में मेरी बात से लोग सहमत न हो. अपनी दया और सहिष्णुता के कारण लोग हिन्दुओ को कमजोर समझ लेते हैं. आज नौबत यहाँ तक पहुच गयी है कि हिन्दुओ को आतंकवादी दिखाया जा रहा है . जो समरसता कि गंगा में डुबकी लगा कर " सर्वे भवन्तु सुखिना " कि कामना करता हो वो आतंकवादी कैसे हो सकता है. मुस्लिम तुष्टिकरण के नीति अत्यंत भयावह हो सकती है. सत्ता आसीन कांग्रेस का ये शर्मनाक खेल बर्दाश्त नही हो सकता है. वोटो कि खातिर कुछ सरफिरो को अपनी पनाह देकर हिन्दुओ को आतंकवादी बताना अपनी ही जननी कि हत्या के सामान है. सब तुले है हिन्दू अखंडता को तोड़ने में . हिंदुत्व का झंडा फ़हराने वाली भाजपा जिसे जिन्ना पार्टी कहा जाये तो अतिश्योक्ति न होगी सिर्फ अवसरवादी है .
एक बात और स्पष्ट हो जानी चाहिए यदि हिन्दू आतंकवादी होते तो न हिन्दुस्तान में रह मुसलमान होते और न ही पाकिस्तान होता. हिन्दुवों को अपनी रक्षा के लिए स्वयं आगे आना पड़ेगा.
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बहुत गम्भीर सवाल है।
जवाब देंहटाएंइसी का समानान्तर प्रश्न यह है - क्या मुसलमान कभी सेक्युलर हो सकता है?
या,
इस्लाम और कुरान के रहते कभी विश्वशान्ति सम्भव है?
अनुनाद जी कत्तई आपका ये प्रश्न आने वाले भविष्य में सबसे बड़ा प्रश्न होगा. विश्वशांति के समर्थको में शामिल होने पर आपका हार्दिक अभिनन्दन करता हूँ.
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